Tuesday, January 06, 2009

प्रश्न

पत्थर में पूजते है तुमको

लेकर एक आश;

सदा रहोगे हमारे इर्द-गिर्द पास

पर हे विधाता !

ये कैसा अनर्थ?

नही रह गया वश में हमारे ये वक्त

क्यों मानवता बनी है द्रव्य हीन रक्त?

क्यों उपहास पात्र बना बैठा है?

तुम्हारा ये भक्त॥

जवाब दो.....!!!

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